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NSS

National Service Scheme

           स्वतंत्रता प्राप्ति के पूर्व विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों का अधिकांश युवा वर्ग भारत माँ को दासता के बन्धन से मुक्त कराने हेतु राष्ट्रीय स्वतन्त्रता आन्दोलन में लगा हुआ था। इन युवाओं के भागीरथ प्रयत्न से आज हम लोग विकसित विश्व में गौरवान्वित हो रहे हैं। हमारा यह युवा वर्ग अपने पथ से कहीं भटक न जाय व उसकी शक्ति क्षीण न होने पायें इसलिए राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी, पं. जवाहर लाल नेहरू तथा डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने राष्ट्रीय सेवा योजना का स्वप्न देखा फलस्वरूप 24 सितम्बर 1969 ई. को राष्ट्रीय सेवा योजना की स्थापना हुई। यह राष्ट्रीय युवा एवं खेल मंत्रालय के अधीन कार्य करता है। सम्प्रति युवाओं की प्रेरणा स्वामी विवेकानन्द तथा उपरोक्त महापुरूषों की इच्छाओं को साकार करने के लिए महाविद्यालय के प्रबन्धक और सांसद श्री बृजभूषण शरण सिंह जी ने नन्दिनी नगर महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना स्वयं सेवको द्वारा राजस्व ग्राम नवाबगंज गिर्द, सिरसा, लौव्ववीरपुर, अगमपुर आदि गाँवों में ग्राम जागरूकता के विभिन्न उपादानों जैसे साफ-सफाई, स्वास्थ्य जागरूकता, कुपोषण, अशिक्षा, जलजनित बीमारियों के निदान, नाली की सफाई, खडंजा की मरम्मत आदि लोकहित की पहल हुई।

           वर्तमान सत्र में महाविद्यालय में चार इकाई कार्यरत हैं। जिसमें 400 स्वयं सेवक चयनित होते हैं जो डा.राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय द्वारा दिये गये निर्देशों के अनुसार सम्पूर्ण शैक्षिक सत्र में कार्य करते हैं। इन्ही 400 स्वंय सेवकों में से 200 स्वंय सेवकों का चयन विशेष शिविर के लिए किया जाता है जो चयनित ग्रामों में सात दिनो तक चौबीसो घण्टे उपस्थित रहते हैं। महाविद्यालय में प्रतिवर्ष अगस्त माह में 200 स्वयं सेवकों का चयन किया जाता है। राष्ट्रीय सेवा योजना प्रवेश सम्बन्धी पात्रता शर्ते -

  • अभ्यर्थी स्नातक प्रथम वर्ष या द्वितीय वर्ष का संस्थागत छात्र हो।

  • इच्छुक अभ्यर्थियों में ग्रामीण सेवा भाव की रूचि तथा कार्य के प्रति तत्परता हो।